पारस यादव/ न्यूज 11भारत
लातेहार/डेस्क: जिले में प्रकृति ने एक से बढ़कर एक बहुमूल्य उपहार दी है . उन्हें उपहार में एक नैना जलप्रपात भी है. हालांकि नैना जलप्रपात के बारे में अभी काफी कम लोग जानते हैं ,परंतु यह छुपा हुआ स्वर्ग है. नैना जलप्रपात नेतरहाट सनराइज प्वाइंट से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. नैना गांव में स्थित यह जलप्रपात अपनी अद्भुत सुंदरता और शांतिपूर्ण परिवेश के लिए जाना जाता है. घने जंगलों और हरी-भरी हरियाली से घिरा यह झरना एक शांत और सुरम्य वातावरण बनाता है. यह जलप्रपात घने जंगलों के बीच स्थित है और दुर्गम रास्तों से होकर यहाँ पहुँचना एक अद्भुत अनुभव है.
ऐसे पहुंच सकते हैं नैना जलप्रपात
नैना वॉटरफॉल तक पहुँचने के लिए आपको घने जंगलों से गुजरना पड़ता है. इस यात्रा में आपको घुमावदार संकीर्ण और पथरीले रास्तों का सामना करना पड़ सकता है. यह यात्रा कठिन हो सकती है, जिसमे आप नैना गांव तक वाहन की मदद से पहुंच सकते है , नैना गांव के बाद जलप्रपात तक पहुंचने के लिए सुंदर रास्तों से थोड़ी पैदल यात्रा करनी पड़ती है.नैना वॉटरफॉल के आस-पास का जंगल विभिन्न प्रकार के वन्यजीवों का निवास स्थान है. यहाँ आपको कई प्रकार के पक्षी, छोटे स्तनधारी और कभी-कभी जंगली जानवर भी देखने को मिल सकते हैं. इसलिए यह जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है.वॉटरफॉल के पास पहुँचते ही आपको एक सुरम्य दृश्य देखने को मिलता है. नैना वॉटरफॉल की गिरती हुई जलधारा और उसके चारों ओर हरी-भरी वादियाँ एक मनमोहक दृश्य प्रस्तुत करती हैं. यहाँ की शांतिपूर्ण और शुद्ध वातावरण आपके मन को शांति और सुकून प्रदान करता है.
यात्रा के दौरान रखें ख्याल
नैना जलप्रपात की ओर अगर आप पहली बार यहाँ आ रहे हैं, तो स्थानीय मार्गदर्शक की सहायता लें, जिससे आपकी यात्रा सुरक्षित और सुखद हो सके.इसके साथ ही मानसून के बाद का समय यहाँ की यात्रा के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है, क्योंकि इस समय जलप्रपात अपने पूर्ण रूप में होता है.जंगल के बीच की यात्रा में आपको पानी, खाद्य सामग्री, प्राथमिक चिकित्सा किट, और उचित जूते अवश्य ले जाने चाहिए.
रास्ता बनने से पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
इधर इस सम्बंध में गोविन्द पाठक पर्यटक सूचना समन्वयक, लातेहार ने कहा कि नैना जलप्रपात तक पहुँचने के लिए एक सड़क का निर्माण न केवल क्षेत्रीय विकास को गति देगा.बल्कि इस दुर्गम और सुरम्य स्थल तक पहुँचने वाले पर्यटकों के सफर को भी आसान करेगा. बेहतर संपर्क से प्रकृति की इस अनमोल धरोहर को और अधिक लोग देख पाएंगे, जिससे पर्यटन को नई दिशा मिलेगी.